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भारत का अन्तरिक्ष कार्यक्रम

लेखक : श्री कालीशंकर एवं श्री राकेश शुक्ला

प्रस्तुत पुस्तक ‘भारत का अन्तरिक्ष कार्यक्रम‘ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के सभी पहलुओं को शामिल करती है। पुस्तक में कुल 16 अध्याय हैं तथा यह पुस्तक पाठक गणों को भारत के अन्तरिक्ष कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय विकास में इसके योगदान को जानने और समझने में मददगार होगी।

दूरसंचार

लेखक : श्री संतोष शुक्ला

इस पुस्तक में उन सभी संचार माध्यमों के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया गया है जिन्होंने मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है अथवा वे मील का पत्थर साबित हुए हैं। इस पुस्तक में मनुष्य के आरम्भिक दौर में प्रयुक्त होने वाले संचार माध्यमों ढोल-नगाड़ा, धुआँ, टक्सलपार्टा, स्लिट गांग, गुफा पेन्टिंग आदि से लेकर आधुनिक संचार माध्यमों टेलीग्राफ, टेलीफोन, डाक, वायरलेस, उपग्रह संचार, इंटरनेट, ई-मेल एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तक की जानकारी दी गई है।

भौतिकी की विकास यात्रा

लेखक : डॉ. कपूरमल जैन

भौतिकी का कार्यक्षेत्र अत्यंत विस्तृत है। इसका जन्म दर्शन और आध्यात्म की गोद में हुआ। इसमें भारतीय और ग्रीक मनीषियों का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भौतिकी में पदार्थ के सूक्ष्मतम कण से ले कर विशाल निहारिकाओं के समूह और सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड शामिल हैं। इन सबकी उत्पत्ति से ले कर इनके क्रियाकलापों और इनके बीच व्याप्त अंतर्सम्बंधों को जानने की कोशिश ने भौतिकी को बनाया है। ‘‘भौतिकी की विकास यात्रा’’ इसी की कहानी है।

वैकल्पिक ऊर्जा के स्त्रोत

लेखक : संगीता चतुर्वेदी

इस पुस्तक का उद्देश्य है लोगों में इस बात की जागरूकता पैदा करना कि प्रकृति ने हमें जो असंख्य ऊर्जा स्त्रोत प्रदान किए हैं उनका हम किस प्रकार से सद् इस्तेमाल करें एवं संरक्षण के प्रति जागरूक हो जाएं। ऐसा होने पर हम प्राकृतिक रूप से उपलब्ध ऊर्जा को अधिक दिनों तक इस्तेमाल कर पाएंगे एवं साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों के भी धीरे-धीरे हमारी जरूरतों के हिसाब से खुलते जाएंगे। पाठक इस किताब को रोचक एवं उपयोगी पाएंगे।

पर्यावरण: दशा एवं दिशा

लेखक : श्री अरूण कुमार पाठक

प्रस्तुत पुस्तक में पर्यावरण की दशा और उसके समाधान की दिशा के संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी है। प्रकृति हमारी संरक्षक है, हम सिर्फ दोहन करें यह ठीक नहीं हैं प्रकृति का कोप हमारे लिये कहर बन कर टूट पड़े, उसके पहले ही सचेत हो जाने की आवश्यकता है, नहीं तो हमारी आगामी पीढि़यों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।

जैव विविधता संरक्षण

लेखक : श्री मनीष मोहन गोरे

यह पुस्तक पृथ्वी पर जैव विविधता के स्वरुप और इसके संरक्षण की आवश्यकता के मूल विचार पर केंद्रित है। पाठक को इस पुस्तक जैवविविधता की संकल्पना, इसके संरक्षण की दिशा में राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य, रेड डाटा बुक, प्न्ब्छ की भूमिका से संबंधित सहायक जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है।

प्राचीन भारत में वैज्ञाानिक चिंतन

लेखक : डॉ. पुरूषोत्तम चक्रवर्ती

प्रस्तुत पुस्तिका में जन-सामान्य को, विशेष रूप से देश की नई पीढ़ी को, विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में भारत की अद्वितीय और गौरवशाली उपलब्धियों की संक्षिप्त किंतु सभी आवश्यक जानकारी देने का प्रयास किया गया है।

हमारे दैनिक जीवन में अन्तरिक्ष

लेखक : श्री काली शंकर, श्री राकेश शुक्ला

इस पुस्तक के माध्यम से लोगों में इस बात की जागरूकता पैदा करना है कि हमारे दैनिक जीवन में अंतरिक्ष का क्या महत्व है। इसमें अंतरिक्ष तकनीकों के घरेलू उपयोग, मेडिकल के क्षत्र में उपयोग, सुरक्षा के क्षेत्र में अंतरिक्ष, पर्यावरणीय उपयोग आदि विषयों पर चित्रों सहित सरल एवं बोधगम्य भाषा में पाठ्य सामग्री सुलभ करवाने का प्रयास किया है। इस पुस्तक से पाठकगणों को दैनिक जीवन में अंतरिक्ष के योगदान को समझने में मदद मिलेगी।

वैश्विक तापन

लेखक : श्री संतोष शुक्ला

इस पुस्तक में ई-कचरा क्या होता है, इसके निपटान एवं समाधान के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई है। इस पुस्तक में ई-कचरा से परिचय, निपटान की विधियां, पर्यावरण प्रदूषण, ई-कचरा के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय तथा इससे संबंधित नियमों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। हिन्दी में इस विषय की किताब को निश्चित ही पाठक रोचक एवं उपयोगी पायेंगे।

ई- वेस्ट प्रबंधन

लेखक : श्री मनीष मोहन गोरे

यह पुस्तक पृथ्वी पर जैव विविधता के स्वरुप और इसके संरक्षण की आवश्यकता के मूल विचार पर केंद्रित है। पाठक को इस पुस्तक जैवविविधता की संकल्पना, इसके संरक्षण की दिशा में राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य, रेड डाटा बुक, प्न्ब्छ की भूमिका से संबंधित सहायक जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है।

लेजर लाईट

लेखक : डॉ. पी.के मुखर्जी

इस पुस्तक में लेजर लाइट से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ इसके गुण दोषों का उल्लेख भी विस्तार से किया गया है। यह पुस्तक पाठकों के लिए उपयोगी होगी और साथ ही पाठकों को लेजर लाइट से जुड़ी जानकारी देगी।

न्यूट्रिनो की दुनिया

लेखक : डॉ. कपूरमल जैन

यह पुस्तक न्यूट्रिनो की दुनिया पर आधारित है। इस पुस्तक में न्यूट्रिनो के सभी पहलुओं को शामिल करने की कोशिश की गई है। इस पुस्तक में कुल 16 अध्याय हैं तथा यह पुस्तक पाठक गणों को न्यूट्रिनो से संबंधित कई छोटी बड़ी जानकारी को समझने में मददगार होगी।

न्यूक्लियर एनर्जी

लेखक : श्री अनुज सिन्हा

इस पुस्तक में नाभिकीय ऊर्जा का महत्व, आवश्यकता एवं सुरक्षा के क्षेत्र में उपयोगिता से संबंधित बिन्दुओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है।

नैनोटेक्नोलॉजी

लेखक : डॉ. पी. के. मुखर्जी

प्रस्तुत पुस्तक में नैनो टेक्नोलॉजी के विभिन्न पहलुओं एवं उसके बहुविध अनुप्रयोगों के बारे में चर्चा की गई है। नैनो शब्द ग्रीक भाषा के ‘नेनोज‘ से निकला है जिसका अर्थ है बौना। लेकिन मापन के संदर्भ में नैनो एक अरबवें हिस्से को निरूपित करता है; जैसे, एक नैनोमीटर का अर्थ है एक मीटर का एक अरबवां हिस्सा। अतः बेहद सूक्ष्म स्तर पर ही कार्य करती है नैनो प्रौद्योगिकी।

एलेक्ट्रोनिक आधारित सामरिक सुरक्षा तकनीक

लेखक : डॉ. मनमोहन बाला

आज इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग सुरक्षा के सभी आयामों में हो रहा है। निजी सुरक्षा हो, अपने आवास अथवा वाहनों की सुरक्षा हो, आर्थिक, व्यापारिक अथवा बैंकिंग की सुरक्षा हो, या फिर सामरिक सुरक्षा हो, सभी क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक्स अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

घर घर में विज्ञान

लेखक : डॉ. कपूरमल जैन

वैज्ञानिक जागरूकता बढ़ाने में जिज्ञासा का भारी योगदान रहता है। विज्ञान का काम प्रकृति के रहस्यों को खोलना, तथ्यों को उजागर करना और तर्क पर आधारित सोचना होता है। विज्ञान हमें अनुमान लगाने की कला सिखाता है। लगातार सोच, परीक्षण और अभ्यास के हमारी अनुमान लगाने की क्षमता सुधरने लगती है। जैसे-जैसे हममें सोच का दायरा बढ़ने लगता है, हमारी वैज्ञानिक जागरूकता में वृद्धि होने लगती है।

जल संरक्षण

लेखक : डॉ. डी. डी. ओझा

इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को जल संसाधनों, जल संकट, कृषि व उद्योगों एवं घरेलू स्तर पर जल की आवश्यकता तथां प्रबंधन, जल स्रोतों में प्रदूषण, दुष्प्रभाव एवं बचाव, पुरातन काल में जल प्रबंधन एवं भारत के विभिन्न प्रदेशों में जल संचयन की प्रणालियों, पारंपरिक जल स्रोत, वर्षा जल संचयन, भू जल पुनर्भरण तथा सुदूर संवेदन भू जल प्रबंधन आदि महत्वपूर्ण विषयों पर चित्रों सहित सरल एवं बोधगम्य भाषा में जानकारी सुलभ करवाने का प्रयास किया है।

भूमि संरक्षण

लेखक : डॉ. दिनेश मणि

यह पुस्तक लोगों को भूमि/मृदा के महत्व, इसकी उत्पत्ति, मृदा-उर्वरता तथा उत्पादकता, मृदा-सर्वेक्षण, मृदा-क्षरण, मृदा-प्रदूषण, मृदा-प्रदूषण नियंत्रण व प्रबंधन तथा भूमि-संरक्षण की विभिन्न विधियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार की गई है।

खनिज और मानव

लेखक : डॉ. विजय कुमार उपाध्याय

यह आवश्यक है कि किसी भी देश के लोगों को उनकी भाषा में खनिजों की खोज की विधियों, उनके गुणों एवं लक्षणों तथा उपयोगों के संबंध में जानकारी प्रदान की जाये। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत में अधिकांश लोगों प्रयोग में लायी जाने वाली भाषा हिन्दी में ‘खनिज और मानव‘ नामक पुस्तक की रचना की गई है।